श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन  »  अध्याय 24: भगवान् का मत्स्यावतार  »  श्लोक 13
 
 
श्लोक  8.24.13 
 
 
सत्यव्रतोऽञ्जलिगतां सह तोयेन भारत ।
उत्ससर्ज नदीतोये शफरीं द्रविडेश्वर: ॥ १३ ॥
 
अनुवाद
 
  हे भरतवंश के राजा परीक्षित! द्रविडदेश के स्वामी राजा सत्यव्रत ने अपने हाथ के जल के साथ उस मछली को नदी के जल में डाल दिया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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