योऽसावस्मिन् महाकल्पे तनय: स विवस्वत: ।
श्राद्धदेव इति ख्यातो मनुत्वे हरिणार्पित: ॥ ११ ॥
अनुवाद
इस (वर्तमान) कल्प में राजा सत्यव्रत ने बाद में सूर्य लोक के राजा विवस्वान के पुत्र के रूप में जन्म लिया और श्राद्धदेव के नाम से प्रसिद्ध हुए। भगवान की कृपा से उन्हें मनु का पद प्राप्त हुआ।