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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन
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अध्याय 23: देवताओं को स्वर्गलोक की पुनर्प्राप्ति
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श्लोक 30
श्लोक
8.23.30
य इदं देवदेवस्य हरेरद्भुतकर्मण: ।
अवतारानुचरितं शृण्वन् याति परां गतिम् ॥ ३० ॥
अनुवाद
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यदि कोई भगवान के विभिन्न अवतारों के अद्भुत कार्यों को सुनता है, तो वह निश्चय ही स्वर्गलोक को जाता है या फिर वापस भगवान के धाम को जाता है।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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