श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन  »  अध्याय 23: देवताओं को स्वर्गलोक की पुनर्प्राप्ति  »  श्लोक 19
 
 
श्लोक  8.23.19 
 
 
एवं बलेर्महीं राजन् भिक्षित्वा वामनो हरि: ।
ददौ भ्रात्रे महेन्द्राय त्रिदिवं यत्परैर्हृतम् ॥ १९ ॥
 
अनुवाद
 
  हे राजा परीक्षित! इस तरह भिक्षा मांगकर बलि महाराज की सारी भूमि को लेने के बाद, भगवान वामनदेव ने उसे अपने भाई इन्द्र को दे दिया। यह भूमि इन्द्र से उसके शत्रु ने छीन ली थी।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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