बिभेमि नाहं निरयात् पदच्युतो
न पाशबन्धाद् व्यसनाद् दुरत्ययात् ।
नैवार्थकृच्छ्राद् भवतो विनिग्रहा-
दसाधुवादाद् भृशमुद्विजे यथा ॥ ३ ॥
अनुवाद
मेरी सम्पूर्ण सम्पत्ति का नाश हो जाना, नारकीय जीवन व्यतीत करना, दरिद्रता के कारण वरुणपाश में बँधना या आपके द्वारा दंडित किया जाना, इन सब से मुझे उतना भय नहीं लगता जितना कि मेरी बदनामी से लगता है।