जन्मकर्मवयोरूपविद्यैश्वर्यधनादिभि: ।
यद्यस्य न भवेत् स्तम्भस्तत्रायं मदनुग्रह: ॥ २६ ॥
अनुवाद
यदि कोई मनुष्य उच्चकुल में जन्म लेता है, अद्भुत कार्य करता है, युवा है, सौंदर्य, अच्छी शिक्षा और प्रचुर धन-सम्पत्ति से युक्त है, लेकिन फिर भी वह अपने ऐश्वर्य पर गर्व नहीं करता, तो यह समझना चाहिए कि उस पर भगवान की विशेष कृपा है।