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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन
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अध्याय 21: भगवान् द्वारा बलि महाराज को बन्दी बनाया जाना
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श्लोक 9
श्लोक
8.21.9
महीं सर्वां हृतां दृष्ट्वा त्रिपदव्याजयाच्ञया ।
ऊचु: स्वभर्तुरसुरा दीक्षितस्यात्यमर्षिता: ॥ ९ ॥
अनुवाद
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जब बलि महाराज के दैत्य अनुयायियों ने देखा कि प्रतिज्ञाबद्ध यज्ञकर्ता उनके स्वामी महाराज बलि को वामनदेव ने मात्र तीन पग भूमि मांगने के निवेदन के बहाने सारी सम्पत्ति ले ली, तो वे अत्यंत क्रोधित हुए और इस प्रकार बोले।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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