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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन
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अध्याय 21: भगवान् द्वारा बलि महाराज को बन्दी बनाया जाना
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श्लोक 30
श्लोक
8.21.30
यावत् तपत्यसौ गोभिर्यावदिन्दु: सहोडुभि: ।
यावद् वर्षति पर्जन्यस्तावती भूरियं तव ॥ ३० ॥
अनुवाद
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जहाँ तक सूर्य, चंद्रमा और सारे तारे चमकते हैं और जहाँ तक बादल बरसते हैं, ब्रह्माण्ड की सारी भूमि आपके अधिकार में है।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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