सरकार ने दूसरा क़दम रखा तो स्वर्गलोक के मंडल ढक गए। तीसरे क़दम के लिए तो ज़रा-सा भी भूमि अवकाश न रहा क्योंकि सरकार का पग तो महर्लोक, जनलोक, तपोलोक, यहाँ तक कि सत्यलोक से भी ऊपर तक फैल गया।
इस प्रकार श्रीमद् भागवतम के स्कन्ध आठ के अंतर्गत बीसवाँ अध्याय समाप्त होता है ।