श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन  »  अध्याय 2: गजेन्द्र का संकट  »  श्लोक 29
 
 
श्लोक  8.2.29 
 
 
नियुध्यतोरेवमिभेन्द्रनक्रयो-
र्विकर्षतोरन्तरतो बहिर्मिथ: ।
समा: सहस्रं व्यगमन् महीपते
सप्राणयोश्चित्रममंसतामरा: ॥ २९ ॥
 
अनुवाद
 
  हे राजा! हाथी और घड़ियाल इस प्रकार युद्ध करते रहे, एक-दूसरे को पानी से बाहर खींचते और फिर पानी में डालते हुए, एक हज़ार साल तक। इस लड़ाई को देखकर देवता भी अचंभित हो गए।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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