वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् भागवतम
»
स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन
»
अध्याय 2: गजेन्द्र का संकट
»
श्लोक 21
श्लोक
8.2.21
यद्गन्धमात्राद्धरयो गजेन्द्रा
व्याघ्रादयो व्यालमृगा: सखड्गा: ।
महोरगाश्चापि भयाद्द्रवन्ति
सगौरकृष्णा: सरभाश्चमर्य: ॥ २१ ॥
अनुवाद
play_arrowpause
उस हाथी की महक भर से ही दूसरे सारे हाथी, बाघ और शेर, गैंडे, सांप और काले-सफेद सरभ जैसे अन्य हिंसक जानवर डरकर भाग गए। यहाँ तक कि छोटे हिरन भी पलायन कर गए।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.