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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन
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अध्याय 19: बलि महाराज से वामनदेव द्वारा दान की याचना
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श्लोक 7
श्लोक
8.19.7
निशम्य तद्वधं भ्राता हिरण्यकशिपु: पुरा ।
हन्तुं भ्रातृहणं क्रुद्धो जगाम निलयं हरे: ॥ ७ ॥
अनुवाद
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जब हिरण्यकशिपु ने अपने भाई की हत्या की खबर सुनी तब वह बड़ा क्रोधित हुआ और अपने भाई के हत्यारे विष्णु को मारने उनके निवास स्थान पर जा पहुँचा।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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