ॐ शब्द का उच्चारण करना ही व्यक्ति के धन-धान्य से वियोग का प्रतीक है। दूसरे शब्दों में, ॐ शब्द का उच्चारण करने से व्यक्ति धन के प्रति आसक्ति से मुक्त हो जाता है क्योंकि उसका धन उससे छीन लिया जाता है। लेकिन, धनरहित होना उचित नहीं है क्योंकि ऐसी स्थिति में व्यक्ति अपनी इच्छाओं को पूरा नहीं कर सकता है। दूसरे शब्दों में, ॐ शब्द का उच्चारण करने से व्यक्ति दरिद्र हो जाता है। विशेष रूप से जब कोई किसी गरीब व्यक्ति या भिखारी को दान देता है, तो उसका आत्म-साक्षात्कार और उसकी इंद्रिय संतुष्टि अधूरी रह जाती है।