न ह्येतस्मिन्कुले कश्चिन्नि:सत्त्व: कृपण: पुमान् ।
प्रत्याख्याता प्रतिश्रुत्य यो वादाता द्विजातये ॥ ३ ॥
अनुवाद
मुझे पता है कि आज तक तुम्हारे परिवार में कोई ऐसा व्यक्ति पैदा नहीं हुआ है जो संकीर्ण मन का या कंजूस हो। न तो कोई ब्राह्मणों को दान देने से पीछे हटा है और न ही दान देने का वादा करके कभी उससे मुकर गया है।