वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् भागवतम
»
स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन
»
अध्याय 18: भगवान् वामनदेव : वामन अवतार
»
श्लोक 9-10
श्लोक
8.18.9-10
सिद्धविद्याधरगणा: सकिम्पुरुषकिन्नरा: ।
चारणा यक्षरक्षांसि सुपर्णा भुजगोत्तमा: ॥ ९ ॥
गायन्तोऽतिप्रशंसन्तो नृत्यन्तो विबुधानुगा: ।
अदित्या आश्रमपदं कुसुमै: समवाकिरन् ॥ १० ॥
अनुवाद
play_arrowpause
सिद्ध, विद्याधर, किन्नर, चारण, यक्ष, राक्षस, सुपर्ण, सर्पलोक के सर्वश्रेष्ठ और देवताओं के भक्त - इन सभी ने मिलकर अदिति के निवास पर फूलों की वर्षा की, और भगवान के गुणगान, उनकी प्रशंसा और नृत्य किया। उनकी आवाज पूरे घर को भर गई।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.