उनके सीने पर सुंदर फूलों की एक असाधारण माला लगी हुई थी और फूल बहुत सुगंधित होने के कारण मधुमक्खियों का एक बड़ा समूह उनके ऊपर शहद के लिए भिनभिनाता हुआ टूट पड़ा था। जब भगवान कौस्तुभ मणि को गले में पहनकर प्रकट हुए तो उनके तेज से प्रजापति कश्यप के घर का अंधेरा दूर हो गया।