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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन
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अध्याय 18: भगवान् वामनदेव : वामन अवतार
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श्लोक 16
श्लोक
8.18.16
कमण्डलुं वेदगर्भ: कुशान्सप्तर्षयो ददु: ।
अक्षमालां महाराज सरस्वत्यव्ययात्मन: ॥ १६ ॥
अनुवाद
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हे राजा, भगवान ब्रह्मा ने अक्षय भगवान को कमंडल अर्पित किया, सातों ऋषियों ने कुश और माँ सरस्वती ने उन्हें रुद्राक्ष की माला भेंट की।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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