श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन  »  अध्याय 18: भगवान् वामनदेव : वामन अवतार  »  श्लोक 13
 
 
श्लोक  8.18.13 
 
 
तं वटुं वामनं द‍ृष्ट्वा मोदमाना महर्षय: ।
कर्माणि कारयामासु: पुरस्कृत्य प्रजापतिम् ॥ १३ ॥
 
अनुवाद
 
  जब महान ऋषियों ने भगवान को वामन रूप में देखा, वे बेहद प्रसन्न हुए। फिर उन्होंने प्रजापति कश्यपमुनि को आगे करके जन्म संस्कार जैसे सारे अनुष्ठान पूरे किए।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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