श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन  »  अध्याय 17: भगवान् को अदिति का पुत्र बनना स्वीकार  »  श्लोक 4
 
 
श्लोक  8.17.4 
 
 
तस्या: प्रादुरभूत्तात भगवानादिपुरुष: ।
पीतवासाश्चतुर्बाहु: शङ्खचक्रगदाधर: ॥ ४ ॥
 
अनुवाद
 
  हे राजा! तब आदि भगवान् पीले वस्त्र पहने तथा अपने चारों हाथों में शंख, चक्र, गदा और कमल धारण किए हुए अदिति के सामने प्रकट हुए।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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