श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन  »  अध्याय 17: भगवान् को अदिति का पुत्र बनना स्वीकार  »  श्लोक 11
 
 
श्लोक  8.17.11 
 
 
श्रीशुक उवाच
अदित्यैवं स्तुतो राजन्भगवान्पुष्करेक्षण: ।
क्षेत्रज्ञ: सर्वभूतानामिति होवाच भारत ॥ ११ ॥
 
अनुवाद
 
  शुकदेव गोस्वामी ने कहा: हे भरतवंशी श्रेष्ठ राजा परीक्षित! जब सभी जीवों की आत्मा, कमलनयन भगवान् की, अदिति ने इस प्रकार पूजा की तो भगवान् ने इस प्रकार उत्तर दिया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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