आयु: परं वपुरभीष्टमतुल्यलक्ष्मी-
र्द्योभूरसा: सकलयोगगुणास्त्रिवर्ग: ।
ज्ञानं च केवलमनन्त भवन्ति तुष्टात्
त्वत्तो नृणां किमु सपत्नजयादिराशी: ॥ १० ॥
अनुवाद
हे अनंत! यदि आप प्रसन्न हैं, तो मनुष्य को ब्रह्मा के समान लंबी आयु, उच्च, मध्य या निम्न लोक में शरीर, असीम भौतिक ऐश्वर्य, धर्म, अर्थ और इंद्रिय तुष्टी, पूर्ण दिव्य ज्ञान तथा आठों योग सिद्धियाँ बड़ी आसानी से प्राप्त हो सकती हैं। प्रतिद्वंद्वियों पर विजय पाना तो अत्यंत नगण्य उपलब्धि है।