धन लुटाने की कंजूसी करने को छोड़कर, हर जीव के हृदय में विराजमान सर्वोच्च पुरुष भगवान विष्णु की भव्य पूजा का आयोजन करें। बहुत ध्यान से घी और दूध से पके अनाज से आहुतियाँ तैयार करें और पुरुष-सूक्त मंत्रों का उच्चारण करें। भोजन की भेंट विभिन्न स्वादों वाली होनी चाहिए। इस तरह से मनुष्य को भगवान का पूजन करना चाहिए।