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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन
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अध्याय 16: पयोव्रत पूजा विधि का पालन करना
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श्लोक 46
श्लोक
8.16.46
पयोभक्षो व्रतमिदं चरेद् विष्णवर्चनादृत: ।
पूर्ववज्जुहुयादग्निं ब्राह्मणांश्चापि भोजयेत् ॥ ४६ ॥
अनुवाद
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पवित्र हृदय एवं ईमानदारी से भगवान् विष्णु की पूजा करते हुए तथा केवल दूधपान करके भक्त को इस व्रत का पालन करना चाहिए। उसे आग में हवन करना चाहिए तथा ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए जैसा कि पूर्व में वर्णित किया गया है।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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