सम्मानीय ब्राह्मणों को भोजन कराने के बाद उनका खूब सत्कार करे और उसके बाद उनकी आज्ञा से ही अपने मित्रों और रिश्तेदारों के साथ स्वयं प्रसाद ग्रहण करें। उस रात पूरी तरह ब्रह्मचर्य का पालन करें और अगले दिन सुबह नहाकर बहुत ही साफ-सफाई और ध्यान से भगवान विष्णु की मूर्ति को दूध से नहलाएं और विस्तार से बताई गई विधियों के अनुसार उनकी पूजा करें।