श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन  »  अध्याय 16: पयोव्रत पूजा विधि का पालन करना  »  श्लोक 32
 
 
श्लोक  8.16.32 
 
 
नम: शिवाय रुद्राय नम: शक्तिधराय च ।
सर्वविद्याधिपतये भूतानां पतये नम: ॥ ३२ ॥
 
अनुवाद
 
  हे शिव! हे रुद्र! मैं आपकी समस्त शक्तियों, समस्त ज्ञान और प्रत्येक जीव पर स्वामित्व के लिए सादर प्रणाम करता हूँ।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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