वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् भागवतम
»
स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन
»
अध्याय 16: पयोव्रत पूजा विधि का पालन करना
»
श्लोक 29
श्लोक
8.16.29
नमस्तुभ्यं भगवते पुरुषाय महीयसे ।
सर्वभूतनिवासाय वासुदेवाय साक्षिणे ॥ २९ ॥
अनुवाद
play_arrowpause
हे परमेश्वर, हे सर्वश्रेष्ठ, हे सभी के हृदय में वास करने वाले तथा जिनमें सभी जीव वास करते हैं, हे प्रत्येक वस्तु के साक्षी, हे सर्वोच्च और सर्वव्यापी पुरुष वासुदेव! मैं आपको आदरपूर्वक प्रणाम करता हूँ।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.