सिनीवाल्यां मृदालिप्य स्नायात् क्रोडविदीर्णया ।
यदि लभ्येत वै स्रोतस्येतं मन्त्रमुदीरयेत् ॥ २६ ॥
अनुवाद
यदि सूअर द्वारा खोदी गई मिट्टी मिल जाए तो अमावस्या के दिन उसी मिट्टी को शरीर पर लगाकर बहती नदी में स्नान करें। स्नान करते समय इस मंत्र का उच्चारण करें।