आदिश त्वं द्विजश्रेष्ठ विधिं तदुपधावनम् ।
आशु तुष्यति मे देव: सीदन्त्या: सह पुत्रकै: ॥ २३ ॥
अनुवाद
हे श्रेष्ठ ब्राह्मणो! कृपा कर मुझे भगवान की भक्तिपूर्वक आराधना की सर्वोत्तम विधि बताओ जिससे कि भगवान जल्द ही मुझ पर प्रसन्न हो जाएं और मेरे पुत्रों सहित मुझे इस महा-संकट से उबार लें।