श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन  »  अध्याय 16: पयोव्रत पूजा विधि का पालन करना  »  श्लोक 23
 
 
श्लोक  8.16.23 
 
 
आदिश त्वं द्विजश्रेष्ठ विधिं तदुपधावनम् ।
आशु तुष्यति मे देव: सीदन्त्या: सह पुत्रकै: ॥ २३ ॥
 
अनुवाद
 
  हे श्रेष्ठ ब्राह्मणो! कृपा कर मुझे भगवान की भक्तिपूर्वक आराधना की सर्वोत्तम विधि बताओ जिससे कि भगवान जल्द ही मुझ पर प्रसन्न हो जाएं और मेरे पुत्रों सहित मुझे इस महा-संकट से उबार लें।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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