वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् भागवतम
»
स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन
»
अध्याय 16: पयोव्रत पूजा विधि का पालन करना
»
श्लोक 10
श्लोक
8.16.10
अपि सर्वे कुशलिनस्तव पुत्रा मनस्विनि ।
लक्षयेऽस्वस्थमात्मानं भवत्या लक्षणैरहम् ॥ १० ॥
अनुवाद
play_arrowpause
हे महामना स्त्री! क्या आपके सभी पुत्र भलीभाँति कुशलपूर्वक हैं? आपके म्लान मुख को देखकर मुझे लगता है कि आपका मन शान्त नहीं है। ऐसा क्यों है?
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.