एष विप्रबलोदर्क: सम्प्रत्यूर्जितविक्रम: ।
तेषामेवापमानेन सानुबन्धो विनङ्क्ष्यति ॥ ३१ ॥
अनुवाद
इस समय बलि महाराज ब्राह्मणों के वरदानों से अत्यन्त शक्तिशाली बन गया है, परन्तु जब वह इन्हीं ब्राह्मणों का अपमान करेगा तो वह अपने मित्रों तथा सहायकों सहित नष्ट हो जाएगा।