तस्मान्निलयमुत्सृज्य यूयं सर्वे त्रिविष्टपम् ।
यात कालं प्रतीक्षन्तो यत: शत्रोर्विपर्यय: ॥ ३० ॥
अनुवाद
इसलिए, अपने शत्रुओं की स्थिति के उलट होने तक प्रतीक्षा करते हुए, तुम सबको इस स्वर्गलोक को छोड़ देना चाहिए और ऐसी जगह चले जाना चाहिए जहाँ तुम्हें कोई न देख सके।