भगवन्नुद्यमो भूयान्बलेर्न: पूर्ववैरिण: ।
अविषह्यमिमं मन्ये केनासीत्तेजसोर्जित: ॥ २५ ॥
अनुवाद
हे प्रभु! हमारे प्राचीन द्रोही बलि महाराज में एक नई तेजस्विता का वास हुआ है और उन्होंने एक अद्भुत शक्ति अर्जित की है। इस कारण, हमारे मन में यह मंतव्यन उत्पन्न हुआ है कि हम उनके प्रताप का प्रतिरोध शायद न कर पाएँ।