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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन
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अध्याय 15: बलि महाराज द्वारा स्वर्गलोक पर विजय
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श्लोक 13
श्लोक
8.15.13
हंससारसचक्राह्वकारण्डवकुलाकुला: ।
नलिन्यो यत्र क्रीडन्ति प्रमदा: सुरसेविता: ॥ १३ ॥
अनुवाद
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कमल-ताल जिनमें हंस, सारस, चक्रवाक और बत्तखें मौजूद थे, ऐसे बगीचों में देवताओं द्वारा रक्षित खूबसूरत स्त्रियाँ क्रीड़ा करती थीं।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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