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स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन
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अध्याय 13: भावी मनुओं का वर्णन
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श्लोक 32
श्लोक
8.13.32
देवहोत्रस्य तनय उपहर्ता दिवस्पते: ।
योगेश्वरो हरेरंशो बृहत्यां सम्भविष्यति ॥ ३२ ॥
अनुवाद
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देवहोत्र का पुत्र, जिसे योगेश्वर के नाम से जाना जाता है, भगवान के अंशावतार के रूप में प्रकट होगा। उसकी माता का नाम बृहती होगा। वह दिवस्पति के कल्याण के लिए कार्य करेगा।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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