श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन  »  अध्याय 13: भावी मनुओं का वर्णन  »  श्लोक 31
 
 
श्लोक  8.13.31 
 
 
देवा: सुकर्मसुत्रामसंज्ञा इन्द्रो दिवस्पति: ।
निर्मोकतत्त्वदर्शाद्या भविष्यन्त्यृषयस्तदा ॥ ३१ ॥
 
अनुवाद
 
  तेरहवें मन्वन्तर में सुकर्मा और सुत्रामा जैसे देवता होंगे, दिवस्पति स्वर्ग के राजा इंद्र होंगे और निर्मोक और तत्त्वदर्श सप्तर्षि में से होंगे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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