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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन
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अध्याय 13: भावी मनुओं का वर्णन
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श्लोक 28
श्लोक
8.13.28
ऋतधामा च तत्रेन्द्रो देवाश्च हरितादय: ।
ऋषयश्च तपोमूर्तिस्तपस्व्याग्नीध्रकादय: ॥ २८ ॥
अनुवाद
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इस मनु के शासनकाल में, इंद्र का नाम ऋतधामा होगा, और हरित एवम् अन्य देवता भी होंगे। तपोमूर्ति, तपस्वी और आग्नीध्रक सप्तर्षि होंगे।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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