श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन  »  अध्याय 13: भावी मनुओं का वर्णन  »  श्लोक 20
 
 
श्लोक  8.13.20 
 
 
आयुष्मतोऽम्बुधारायामृषभो भगवत्कला ।
भविता येन संराद्धां त्रिलोकीं भोक्ष्यतेऽद्भ‍ुत: ॥ २० ॥
 
अनुवाद
 
  भगवान के अंशावतार ऋषभदेव का जन्म उनके पिता आयुष्मान और उनकी माता अम्बुधारा के घर होगा। वे अद्भुत नाम के इन्द्र को तीनों लोकों में सुख-ऐश्वर्य प्रदान करेंगे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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