श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन  »  अध्याय 13: भावी मनुओं का वर्णन  »  श्लोक 11
 
 
श्लोक  8.13.11 
 
 
अष्टमेऽन्तर आयाते सावर्णिर्भविता मनु: ।
निर्मोकविरजस्काद्या: सावर्णितनया नृप ॥ ११ ॥
 
अनुवाद
 
  हे राजन! जब आठवें मनु का समय आएगा, तो सावर्णि मनु के रूप में अवतरित होंगे। निर्मोक और विरजस्क उनके पुत्रों में से होंगे।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.