श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन  »  अध्याय 13: भावी मनुओं का वर्णन  »  श्लोक 10
 
 
श्लोक  8.13.10 
 
 
सावर्णिस्तपती कन्या भार्या संवरणस्य या ।
शनैश्चरस्तृतीयोऽभूदश्विनौ वडवात्मजौ ॥ १० ॥
 
अनुवाद
 
  छाया के एक बेटा था जिसका नाम सावर्णि और एक बेटी थी जिसका नाम तपती था, जो बाद में राजा संवरण की पत्नी बनी। छाया का तीसरा बच्चा शनि कहलाता है। वडवा ने दो बेटों को जन्म दिया जिनके नाम अश्विनी भाई हैं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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