श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन  »  अध्याय 13: भावी मनुओं का वर्णन  »  श्लोक 1
 
 
श्लोक  8.13.1 
 
 
श्रीशुक उवाच
मनुर्विवस्वत: पुत्र: श्राद्धदेव इति श्रुत: ।
सप्तमो वर्तमानो यस्तदपत्यानि मे श‍ृणु ॥ १ ॥
 
अनुवाद
 
  श्री शुकदेव गोस्वामी ने कहा : वर्तमान मनु का नाम श्राद्धदेव है और वो सूर्यलोक के प्रमुख देवता विवखान के पुत्र है | श्राद्धदेव सातवें मनु है | अब मैं उनके पुत्रों को विवरण करता हूँ, कृपया ध्यान से सुने |
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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