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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन
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अध्याय 12: मोहिनी-मूर्ति अवतार पर शिवजी का मोहित होना
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श्लोक 40
श्लोक
8.12.40
सेयं गुणमयी माया न त्वामभिभविष्यति ।
मया समेता कालेन कालरूपेण भागश: ॥ ४० ॥
अनुवाद
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तुम्हें यह भौतिक शक्ति (माया) अब भ्रम में नहीं डाल पाएगी, जो मेरे साथ मिलकर सृष्टि में सहयोग करती है और प्रकृति के तीन गुणों में प्रकट होती है।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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