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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन
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अध्याय 12: मोहिनी-मूर्ति अवतार पर शिवजी का मोहित होना
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श्लोक 26
श्लोक
8.12.26
सा तमायान्तमालोक्य विवस्त्रा व्रीडिता भृशम् ।
निलीयमाना वृक्षेषु हसन्ती नान्वतिष्ठत ॥ २६ ॥
अनुवाद
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वह सुन्दरी नंगी थी और जब उसने देखा कि शिवजी उसकी ओर आ रहे हैं, तो वह लजा गई। इसलिए वह मुस्कुराती हुई पेड़ों के बीच छिप गई और एक जगह पर नहीं रुकी।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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