तयापहृतविज्ञानस्तत्कृतस्मरविह्वल: ।
भवान्या अपि पश्यन्त्या गतह्रीस्तत्पदं ययौ ॥ २५ ॥
अनुवाद
काम वासना के कारण स्त्री के साथ रमण करने की इच्छा से उनके विवेक ने साथ छोड़ दिया और वे उनके लिए इस कदर पागल हो उठे कि भवानी की उपस्थिति में भी वे उनके पास जाने से जरा भी नहीं हिचकते थे।