एवं तां रुचिरापाङ्गीं दर्शनीयां मनोरमाम् ।
दृष्ट्वा तस्यां मनश्चक्रे विषज्जन्त्यां भव: किल ॥ २४ ॥
अनुवाद
इस प्रकार शिवजी ने उस स्त्री को देखा जिसके शरीर का हर अंग सुडौल था। सुन्दर स्त्री ने भी उनकी ओर देखा। तब शिवजी यह सोचकर कि स्त्री उनके प्रति आकर्षित है, उसके प्रति अत्यधिक आकर्षित हो गए।