वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् भागवतम
»
स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन
»
अध्याय 11: इन्द्र द्वारा असुरों का संहार
»
श्लोक 46
श्लोक
8.11.46
येऽवशिष्टा रणे तस्मिन् नारदानुमतेन ते ।
बलिं विपन्नमादाय अस्तं गिरिमुपागमन् ॥ ४६ ॥
अनुवाद
play_arrowpause
नारद मुनि के आदेश के अनुसार, युद्धक्षेत्र में जितने भी असुर बचे थे, वे सब बली महाराज को, जिनकी अवस्था अति गंभीर थी, अस्तगिरि नामक पर्वत पर ले गए |
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.