श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन  »  अध्याय 11: इन्द्र द्वारा असुरों का संहार  »  श्लोक 46
 
 
श्लोक  8.11.46 
 
 
येऽवशिष्टा रणे तस्मिन् नारदानुमतेन ते ।
बलिं विपन्नमादाय अस्तं गिरिमुपागमन् ॥ ४६ ॥
 
अनुवाद
 
  नारद मुनि के आदेश के अनुसार, युद्धक्षेत्र में जितने भी असुर बचे थे, वे सब बली महाराज को, जिनकी अवस्था अति गंभीर थी, अस्तगिरि नामक पर्वत पर ले गए |
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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