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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन
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अध्याय 11: इन्द्र द्वारा असुरों का संहार
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श्लोक 33
श्लोक
8.11.33
तस्मादिन्द्रोऽबिभेच्छत्रोर्वज्र: प्रतिहतो यत: ।
किमिदं दैवयोगेन भूतं लोकविमोहनम् ॥ ३३ ॥
अनुवाद
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जब इंद्र ने वज्र को दुश्मन से वापस आते देखा, तो वो बहुत डर गया। उसे शक होने लगा कि कहीं ये किसी दैवी शक्ति की वजह से तो नहीं हुआ।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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