श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन  »  अध्याय 11: इन्द्र द्वारा असुरों का संहार  »  श्लोक 14
 
 
श्लोक  8.11.14 
 
 
स सिंहवाह आसाद्य गदामुद्यम्य रंहसा ।
जत्रावताडयच्छक्रं गजं च सुमहाबल: ॥ १४ ॥
 
अनुवाद
 
  अत्यन्त शक्तिशाली जंभासुर, जो एक सिंह पर सवार था, इंद्र के पास पहुँचा और अपनी गदा से उसके कंधे पर बलपूर्वक प्रहार किया। इसके बाद उसने इंद्र के हाथी पर भी प्रहार किया।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.