स सिंहवाह आसाद्य गदामुद्यम्य रंहसा ।
जत्रावताडयच्छक्रं गजं च सुमहाबल: ॥ १४ ॥
अनुवाद
अत्यन्त शक्तिशाली जंभासुर, जो एक सिंह पर सवार था, इंद्र के पास पहुँचा और अपनी गदा से उसके कंधे पर बलपूर्वक प्रहार किया। इसके बाद उसने इंद्र के हाथी पर भी प्रहार किया।