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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन
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अध्याय 10: देवताओं तथा असुरों के बीच युद्ध
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श्लोक 56
श्लोक
8.10.56
दृष्ट्वा मृधे गरुडवाहमिभारिवाह
आविध्य शूलमहिनोदथ कालनेमि: ।
तल्लीलया गरुडमूर्ध्नि पतद् गृहीत्वा
तेनाहनन्नृप सवाहमरिं त्र्यधीश: ॥ ५६ ॥
अनुवाद
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हे राजा! जब सिंह पर चढ़ा हुआ कालनेमी दैत्य ने गरुड़ पर सवार भगवान को युद्ध-क्षेत्र में देखा तो अपने त्रिशूल को उठाकर गरुड़ के सिर पर चलाया। तब तीनों लोकों के स्वामी हरि ने उसी हथियार से कालनेमी और उसके वाहन सिंह को मार डाला।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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