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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन
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अध्याय 10: देवताओं तथा असुरों के बीच युद्ध
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श्लोक 49
श्लोक
8.10.49
ततो महाघना व्योम्नि गम्भीरपरुषस्वना: ।
अङ्गारान्मुमुचुर्वातैराहता: स्तनयित्नव: ॥ ४९ ॥
अनुवाद
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तब आकाश में तेज़ हवाओं से परेशान होकर घनघोर बादल दिखने लगे। वे बहुत गंभीरता से गरजते हुए जलती हुई कोयले की अंगारों की वर्षा करने लगे।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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