वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् भागवतम
»
स्कन्ध 8: ब्रह्माण्डीय सृष्टि का निवर्तन
»
अध्याय 10: देवताओं तथा असुरों के बीच युद्ध
»
श्लोक 46
श्लोक
8.10.46
ततो निपेतुस्तरवो दह्यमाना दवाग्निना ।
शिला: सटङ्कशिखराश्चूर्णयन्त्यो द्विषद्बलम् ॥ ४६ ॥
अनुवाद
play_arrowpause
दावाग्नि में जलते हुए पेड़ उस पर्वत से गिर रहे थे। उससे पत्थर की कुल्हाड़ी जैसी तीक्ष्ण धार वाले पत्थर-खण्ड भी गिरने लगे थे जिनसे देवताओं के सैनिकों के सिर फूट रहे थे।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.